राष्ट्रीय शर्करा संस्थान (एनएसआइ) ने शरीर को नुकसान न पहुंचाने वाला बायो सोप (साबुन) और बायो डिटर्जेंट तैयार किया है। यह गन्ने की खोई से बनाया गया है। संस्थान अब नेशनल रिसर्च डेवल्पमेंट कोऑपोरेशन के सहयोग से उत्पाद को स्टार्ट अप कराने की तैयारी में है। मौजूदा समय को देखते हुए एनएसआइ पहले ही सस्ता सैनिटाइजर बना चुका है और उसका फार्मूला भी चीनी मिलों को दिया है। इससे सैनिटाइजर बनाकर मिलें भी कोरोना संक्रमण को दूर भगाने में सहयोग कर सकते हैं।
एनएसआई के निदेशक प्रो. नरेंद्र मोहन ने बताया कि गन्ने की पेराई के बाद उसकी खोई बेकार ही रहती है। बाजार में इसकी कीमत डेढ़ से दो रुपये प्रति किलो है। संस्थान के विशेषज्ञों ने खाेई से सरफेस एक्टिव एजेंट निकाला और उसे नीम, एलोवेरा, गुलाब आदि के साथ मिलाया। ऑर्गेनिक केमिस्ट्री लैब में विभिन्न प्रक्रिया के बाद बायो सोप और बायो डिटर्जेंट तैयार किए हैं। आमतौर पर सरफेस एक्टिव एजेंट पेट्रोलियम उत्पादों से निकाले जाते हैं, जिनका उपयोग साबुन बनाने में होता है, जो शरीर के लिए नुकसानदेह होते हैं। गन्ने की खोई और नीम एलाेवेरा युक्त इस सोप से किसी तरह का नुकसान नहीं होगा।
बायो सोप और डिटर्जेंट अलग अलग रूप में बनाए गए हैं। कार, बस, कुत्ता, मोबाइल आदि शामिल हैं। विशेषज्ञों का दावा है कि यह पूरी तरह से शरीर के लिए सुरक्षित है। पर्यावरण को नुकसान भी नहीं पहुंचाएगा। एक किलोग्राम बायो सोप की कीमत 50 से 55 रुपये है, जबकि डिटर्जेंट 25 से 30 रुपये किलो है।
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