प्लांट के लिए 35 एकड़ जमीन सुरक्षित कर लिया गया है। पीपीपी मॉडल के तहत बनने वाले इस प्लांट में 71 करोड़ रुपए लागत आने का अनुमान है। इसे लेकर दिल्ली, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, छग व अन्य राज्यों की 34 कंपनियां पैसा लगाने को तैयार है। भोरमदेव सहकारी शुगर फैक्ट्री में प्रदेश का पहला इथेनॉल प्लांट लगेगा ,इथेनॉल प्लांट की स्थापना के लिए निवेशक का चयन दो चरणों में किया जाएगा। इसकी प्रारंभिक प्रक्रिया शुरू कर दी है। पीपीपी मॉडल के लिए सबसे अधिक राशि की बोली लगाने वाले निवेशक को मापदंडों की पूर्ति करने पर चयनित किया जाएगा। आरएफक्यूं (रिक्वेस्ट फॉर क्वालिफिकेशन) के लिए बिड जमा करने की 30 जून 2020 तय की गई है। कारखाने के प्रबंध संचालक भूपेन्द्र ठाकुर का कहना है कि इथेनॉल प्लांट लगने से कारखाने की आय बढ़ेगी।
प्री-बिड काॅन्फ्रेंस में प्रेजेंटेशन देखकर कंपनियों ने दिखाई रुचि : कारखाने के प्रबंध संचालक भूपेन्द्र ठाकुर ने बताया कि 16 जून 2020 को चिप्स कार्यालय रायपुर में प्री-बिड काॅन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। जिसमें 14 कंपनियों के 25 प्रोप्राइटर, प्रतिनिधि उपस्थित हुए। 20 कंपनियों के के प्रोप्राइटर, प्रतिनिधि वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए। इस दौरान कारखाने से नियुक्त प्रोजेक्ट कन्सलटेंट ई एंड वाय एलएलपी ने प्रोजेक्ट से संबंधित जानकारी का प्रेजेंटेशन दिया। प्रोजेक्ट में हिस्सा लेने तकनीकी, वित्तीय मापदंड, इथेनॉल निर्माण के लिए कच्चे माल उपलब्धता, बिड पैरामीटर आदि से जुड़ी जानकारी दी।
40 हजार लीटर फ्यूल इथेनॉल का उत्पादन होगा इस प्लांट में 40 हजार लीटर फ्यूल इथेनॉल का उत्पादन होगा। पूर्व में कुल लागत का 10 फीसदी हिस्सा शक्कर कारखाना, 40 प्रतिशत राशि राज्य सरकार और शेष 50 प्रतिशत राशि की व्यवस्था बैंक से ऋण लेकर करना था लेकिन अब निजी कंपनियां इसमें पूरा निवेश करेगी। यानी कारखाने और सरकार को बजट खर्च नहीं करना पड़ेगा। इससे राहत मिलेगी।
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